जगतगुरू वामाचार्या सेवक संजयनाथ, ने कहा की क्यों नही यह सरकार लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत करा ले और यह जान ले की वह सरकारी लोकपाल बिल चाहते है या जनलोकपाल बिल| अन्यथाजनमत संग्रह करा ले|.
यदि सरकार यह नही कर पाती है तो हमें लगता है की यह क्रांति कहीं न्यूटन के तीसरे नियम के अनुरूप ना हो जाए|
न्यूटन के नियम के अनुसार सभी क्रिया की बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है| हमें ऐसा लगता है की जिस प्रकार अन्ना की क्रांति एक शांतिप्रिय क्रांति हो रही है तो न्यूटन के तीसरे नियम के अनुसार यह क्रांति उसी प्रकार एक बड़ी विध्वनश्कारी क्रांति के रूप में परिवर्तित भी हो सकती है|
अगर हम सब न्यूटन के तीसरे नियम को मानते है तो यह अवश्य हो सकता है|. इसीलिए मेरा सरकार से निवेदन है की यह क्रांति न्यूटन के तीसरे नियम पर न चली जाए, क्योंकि अगर चली गयी तो सरकार के पास एमर्जेन्सी के अलावा कोई उपाय नही रह जाएगा,जो की सरकार के लिए घातक सिद्ध होगा|
इसलिए मेरा सरकार से अनुरोध है की अपना समय व्यर्थ ना गवाए, और इस पर जल्द से जल्द विचार कर निर्णय ले.
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