Counter

Wednesday, July 22, 2009

गुरुनाथ अखाडा द्वारा साधुओं के लिए आश्रम की भूमि पूजा बिहार सरकार को रास नही आई... .

वर्ष १९८७ में मुझे रक्सौल के खेखारिया ग्राम में जमीन दान में मिली। मैंने १५ जुलाई २००९ को यह जमीन गुरुनाथ अखाडा के लिए साधुओं का आश्रम बनवाने के लक्ष्य एवं वहा स्थित पुराने हनुमान मन्दिर और माईमन्दिर के पुनः निर्माण हेतु भूमि की पूजा संपन्न की.
इस पर वहा के अल्पसंख्यक मुस्लिम लोगों को यह बात रास नही आई। और अखाडा के सामने जो सरकारी आम रास्ता है उस भूमि को कब्रगाह की भूमि बता कर गुरुनाथ अखाडा की जमीन पर प्रशाशन की ओरसे धारा १४४ लगवा दिया गया ।
जबकि उस सरकारी जमीन पर बाबा गोपालदास की समाधी मौजूद है। और एक कोने पर ब्रहम स्थान (पीपल का बहुत बड़ा वृक्ष) है। और इस वृक्ष के जड़ में भगवान् शिव का शिवलिंग पहले से ही स्थापित है। इसके बावजूद भी मुसलमानों को खुश करने के लिए सरकार उस जमीन को कब्रगाह घोषित करने जा रही है। जबकि उसी गाव में पहले से ही मुसलमानों का एक बड़ा कब्रगाह मौजू है।
मुस्लिम कानून में यह जिक्र है की मुसलमानों का कब्रगाह वहीँ बन सकता है जहा पर किसी मुसलमान ने भूमि दान दी हो अथवा उस भूमि को कब्रगाह बनाने के लिए ख़रीदा गया हो।
इस क़ानून को जानते हुए भी सरकार इस सरकारी जमीन पर कब्रगाह बनाने की घोषणा कर रही है।
इसलिए मेरी भारत एवं बिहार सरकार से यह मांग है की इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाया जाए। वरना यह पूरे देश में एक विषम समस्या के रूप में सामने आएगा।
आम हिंदू भक्तो से मेरा अनुरोध है की इस आश्रम को बनाने में तन, मन एवं धन से पूरा सहयोग दें।

हिन्दुओं पर पाकिस्तान में जाजिया टैक्स और मुसलमानों को हिंदुस्तान में विशेष छुट !!!

विश्व हिंदू वामा शक्ति एवं गुरुनाथ अखाडा की बैठक में सभी कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान में तालिबानी फरमान जिसमें हिन्दुओं पर जाजिया टैक्स लागु किया गया है उसको दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस स्थिति को लाने के लिए स्वयं भारत की सरकार जिम्मेदार है।
जब पाकिस्तान में हिन्दुओं के खिलाफ कुछ भी होता है तो वहां की सरकार हिन्दुओं के लिए कुछ नही करती, परन्तु भारत में यदि एक आतंकवादी मुस्लिम को यदि कुछ किया जाए तो पूरे विश्व के मुस्लिम देश इसका विरोध करने लगते हैं। और विडम्बना यह है की हमारी सरकार भी वोट निति के तहत मुस्लिम वोटों के लालच में कुछ नही कर पाती और उनका साथ देती है।
विश्व में एक मात्र हिन्दुओं का सबसे बड़ा देश भारत है। यदि यह देश भी विश्व में हिन्दुओं की समस्याओं के प्रति आवाज़ न उठाये तो हिन्दुओं के लिए कौन लडेगा?
मैं भारत सरकार से कहना चाहता हूँ की पाकिस्तान में जो हिन्दुओं के ऊपर अत्याचार हो रहा है उसको रोकने के लिए उचित कदम जल्द से जल्द उठाये। यदि पाकिस्तान हिन्दुओं पर टैक्स लगाने के अपने विचार को रद्द नही करता है तो भारत सरकार को भी भारत में रहने वाले सभी मुसलमानों पर टैक्स लगा देना चाहिए। इस से पूरे विश्व के मुस्लिम देशों में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार का विरोध होगा।

Friday, July 17, 2009

विराट साधू महासंगम संपन्न - गुरुनाथ अखाडा

७ जुलाई को गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष में हर साल की तरह इस साल भी सुबह ७ बजे से १ बजे तक
दीक्षा समारोह संपन्न हुआ। जिस में भार
त, नेपाल के कोने कोने से भक्त जनों ने उल्लासपूर्वक इस साधू महासंगम में अपने गुरु की आराधना कर के सफल बनाया।
करीब १०० नए श्रधालुओं ने वाम मार्ग की दीक्षा मुझसे प्राप्त की। हजारों भक्तों ने अपनी श्रद्धाभावना से अपने गुरु की पूजा अर्चना की।मैंने भी अपने गुरु महाकाल की पूजा सर्वप्रथम करके अपने शिष्यों के साथ गुरु पूर्णिमा के समारोह का शुभारम्भ किया।
दोपहर १ बजे
के उपरांत जब सभी शिष्यों को प्रसाद वितरण हो गया तब रक्सौल नगर में सेवक संजयनाथ तांत्रिक काली मन्दिर से मेरी शाही यात्रा निकली। हजारों की संख्या में भक्तो, साधुओं तथा गुरुनाथ अखाडा के संतों ने इस जुलूस में हिस्सा लिया। साध्वियों और संयासिनियों की भी भीड़ कुछ कम न थी। नगर परिक्रमा के बाद पुनः जुलूस वापस काली मन्दिर शाम ५ बजे तक पहुँचा।
जिसके पश्चात् सनातन धर्मं संसद की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक की अगुवाई करते हुए मैंने हिंदू धर्मं के हित में कई विषयों पर अपने समूह के साथ चर्चा की। सर्व सहमती से हमने ७ प्रस्तावों को मुख्यतः पारित किया:
१> नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाना एवं राजा को पुनः नेपाल की गद्दी पर स्थापित करना।
२> गौ तस्करी एवं हत्या पर अंकुश लगना।
३> कैलाश मानसरोवर पर जाने के लिए हिन्दुओं को सरकार द्वारा सुविधा प्राप्त करवाने की मांग करना। ४> दिल्ली, मुंबई में स्थित इंडिया गेट अथवा गेटवे ऑफ़ इंडिया का नाम "भारत द्वार" रखने की मांग करना।
५> साधू संतो पर हो रहे अत्याचार को बंद करवाना।
६> धर्मान्तरण (धर्म परिवर्तन ) पर प्रतिबन्ध लगना।
७> भारत को सिर्फ़ भारत नाम से पुकारने की मांग करना।

एवं सनातन धर्म संसद में सेवक पंकज नाथ को महारास्त्र में गुरुनाथ अखाडा का प्रभारी बनाया गया।

Saturday, July 04, 2009

समलैंगिकता को वैध ठहराना - प्रकृति के नियम का विरोध करना

समलैंगिकता को मान्यता देने के निर्णय का मैं, विश्व हिंदू वामा शक्ति एवं गुरुनाथ अखाडा सभी विरोध करते हैं। क्योंकि जब भी मनुष्य प्रकृति के विरुद्ध कार्य करता है उसका बहुत दुसपरिणाम होता है। जब आम मनुष्यों में मैथुन को मुक्त कर दिया गया यानि की एक से अधिक स्त्री या पुरूष के साथ मैथुन करना जब सही माना जाने लगा तब विश्व को इसके परिणाम के तौर पर ऐड्स जैसी जानलेवा बीमारी के प्रभाव झेलने पड़े। इसी प्रकार अप्राकृतिक मैथुन करना ऐड्स से भी बड़ी बीमारी को साक्षात् दावत देने के सामान है।
आज लड़कियों और लड़को की अधिक उम्र में शादी होने की वजह से वह लंबे समय तक अप्राकृतिक मैथुन करने में लगे रहते हैं। जिसका परिणाम कई प्रकार के गुप्त रोग और पुरुषों में सबसे अधिक नामर्दी होना है। जितने भी महिला या पुरूष समलैंगिक होते हैं उनके पीछे कुछ वैज्ञानिक और मेडिकल कारण होते हैं।
जो लोग समलैंगिक सम्बन्ध एक बार बना लेते हैं फ़िर ऐसे लोगो को विपरीत लिंग के साथ आनंद
नही मिलता। इसलिए जिस प्रकार एक दो बार नशा करने वाला व्यक्ति जब नशे का आदि बन जाता है उसी प्रकार समलैंगिक सम्बन्ध रखने वाले लोगों को भी इसकी आदत पड़ जाती है।
इसलिए मेरी जनता से यह अपील है की समलैंगिकता को बढ़ावा न दें। अन्यथा इस श्रृष्टि का जल्द ही नाश हो जाएगा। इश्वर ने हमें श्रृष्टि को चलाने के लिए बनाया है ना की सिर्फ़ अपने आनंद के लिए।
मैं सरकार से यह अपील करता हूँ की जब सरकार समलैंगिकता को अपराध नही मानती है तो उसे भ्रू हत्या को भी अपराध नही मानना चाहिए। क्योंकि मेरे विचार से जब समलैंगिक लोग सम्बन्ध बना कर प्रकृति के नियम का उलंघन करते है, अपने श्रृष्टि को चलाने के अधिकार को सिर्फ़ आनंद के लिए बरबाद कर देते हैं तो यह भी एक प्रकार की भ्रू हत्या ही है।