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Tuesday, June 07, 2011

लोगों ने दी गिरफ्तारी बाबा के समर्थन में उतरे संन्यासी - Prabhat Khabar


रक्सौल (पू च) : अपनी बात सरकार से मनवाने के लिए अगर कोई दर्जनों मामलों का आरोपित नेता अनशन पर बैठता है, तो उसे राजनीतिज्ञ कहा जाता है. वही, शांति पूर्ण माहौल में अगर कोई साधु-संत भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अनशन करता है, तो सरकार अपने वरदीधारियों से उन पर लाठी चलवाती है.
उक्त बातें सीमाई शहर रक्सौल स्थित डाकघर चौक पर सोमवार को गुरुनाथ अखाड़ा के संस्थापक वामाचार्य सेवक संजय नाथ ने योग गुरू बाबा रामदेव व उनके समर्थकों पर की गयी पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में आयोजित सांकेतिक धरना में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही.
वामाचार्य ने केंद्र सरकार की तीव्र भर्त्सना करते हुए कहा कि जब भी इस देश पर भ्रष्ट नेताओं की राजनीति हावी हुआ, वहीं से देश विखंडन की ओर बढ़ा. उन्होंने निरंकुश कांग्रेसी नेताओं को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया. साथ ही मंगलवार को रक्सौल बंद को सफल बनाने के लिए उन्होंने सभी व्यवसायियों से अपनी-अपनी दुकानों को बंद रखने की अपील की.
सांकेतिक धरना के बाद जगतगुरु वामाचार्य अपने शिष्यों एवं अनुयायियों के साथ रक्सौल थाना में गिरफ्तारी दी. रक्सौल इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तारी देने वालों में सेवक संजय नाथ, सेवक सौरभनाथ, चंद्रशेखर भारती, दीपक श्रीवास्तव, डा स्वयंभू शलभ, ईवरर चंद्र कुशवाहा, विजय शर्मा, कुंदन सिंह, सेवक शिवनाथ, अवध किशोर पटेल, प्रकाश, चंदन पांडेय, रूपेश मिश्र, अनिल अग्रवाल, जगदेव महतो सहित अन्य शामिल हैं.
इन्हें गिरफ्तारी के बाद बेल पर छोड़ दिया गया. धरना को शांतिपूर्ण संपन्न करने के लिए धरना स्थल पर दारोगा उमाशंकर सिंह के साथ जवानों को प्रतिनियुक्त किया गया था.

Monday, June 06, 2011

बाबा रामदेव के समर्थन में सड़क पर उतरे लोग- Jagran


रक्सौल। भ्रष्टाचार व काले धन की वापसी के मुद्दे पर दिल्ली में अनशन के दौरान योग गुरू बाबा रामदेव की गिरफ्तारी व उनके समर्थकों पर दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को शहर के विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस क्रम में गुरुनाथ अखाड़ा व विश्व हिन्दू वामाशक्ति के कार्यकर्ताओं ने अखाड़ा के संस्थापक सेवक संजयनाथ के नेतृत्व में जुलूस निकालकर पोस्ट ऑफिस चौक पर सभा की। सभा को संबोधित करते हुए श्री नाथ ने केन्द्र सरकार की तीव्र आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचारियों को प्रश्रय दे रही है। जब इस देश के साधु-संत उनके काले करतूतों को जनता के सामने उजागर करते हैं, तो उन्हें ठग की उपाधि दी जाती है। इस सरकार को बाबा रामदेव व उनके समर्थकों पर किए गए अत्याचार का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इस दौरान सेवक संजयनाथ, अखाड़ा के महामंत्री सेवक सौरभनाथ, वामाशक्ति के महामंत्री चंद्रशेखर भारती, दीपक श्रीवास्तव, डा. स्वयंभू शलभ, ईश्वरचंद्र कुशवाहा, विजय शर्मा, कुंदन सिंह, सेवक शिवनाथ, अवधकिशोर पटेल, ई. रविप्रकाश, चंदन पांडेय, रूपेश मिश्रा, अनिल अग्रवाल, जगदेव महतो आदि ने गिरफ्तारी दी।

रामदेव बाबा के समर्थन में जगतगुरू ने पुलिस को स्वयं दी गिरफ्तारी

जगतगुरू वमाचार्या सेवक संजयनाथ जी ने भारत के प्रमुख संत रामदेव बाबा और उनके समर्थको के उपर कॉंग्रेस की सरकार द्वारा  आँसू गॅस छोड़ने एवम् लाठी चार्ज करने की इस घटना की निंदा करते हुए कहा की सरकार ने इंदिरा गाँधी के समय हुई आपातकालीन स्थिति को याद कराया है | उस वक्त एमर्जेन्सी के समय इंदिरा गाँधी ने धीरेन्द्र ब्रह्मचारीजी को अर्रेस्ट करवाया था और तब धीरेन्द्र ब्रह्मचारी जी ने इंदिरा गाँधी को बोला था की "मुझे तो कहीं भी रहने की आदत है पर तुम इस जेल को ए सी बनवा लो क्योंकि बहुत जल्द तुम जेल में आने वाली हो."
रक्सौल थाना रोड पर इस सभा को संबोधित करते हुए जगतगुरू ने कहा की जब भ्रष्‍ट और क्रिमिनल नेता धरना देते हैं तो यह लोग उसे राजनीति कहते हैं, लेकिन जब एक समाजसेवी , संत सन्यासी भ्रष्टाचार के खिलाफ शांति पूर्ण ढंग से आमरण अनशन करता है तो यह कॉंग्रेस सरकार उसे ठग एवम् पाखंडी कहती है|
यहा तक की दिग्विजय सिंग यह भूल चुके हैं की भारत संतों का देश है,जब जब भारत में अत्याचार हुआ है तब तब कोई ना कोई नया संत भारत की भूमि पर अवतरित हुआ है और उसने सत्ता परिववार्तन का शंखनाद किया है|

दिग्विजय सिंग को यह पता नही है की उनके पड़ोसी राज्य बिहार में जब राजाओं का अत्याचार बढ़ गया था तो उस समय भी एक संत चाणकय का अवतरण हुआ था और उन्होने ही एक नन्हे से बालक चंद्रगुप्त को अत्याचारी राजाओं के विरुढ़ शंखनाद करने का आदेश दिया. तब भी दिग्विजय सिंग कहते हैं की साधु संतों को राजनीति नही करनी चाहिए, जबकि उन्हे मालूम होना चाहिए की चाणकया नीति से बढ़कर राजनीति की कोई और किताब नही है ओर दुनिया भर में उनकी नीतियों से प्रेरित होकर ही राजनीति चलती है|  इस  उदाहरण से भी यदि उन्हे ज्ञान ना मिले तो अपने दूसरे पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के इतिहास की ओर देखे, वहाँ पर भी जब भारत में विदेशियों द्वारा प्रचार हो रहा था तो स्वामी समर्थ रामदास गुरु ने छत्रपति शिवाजी जैसे बालक को अंग्रेज़ो के विरुद्ध युध रणनीति सिखाई और अंग्रेज़ो के खिलाफ उन्हे तैयार कराया| दिग्विजय सिंग को यह सब कहानियाँ पता है इसलिए वह डर गये हैं| वो जानते हैं की जब भारत में संत शंखनाद करता है तो दुष्ट लोगों का विनाश संभव ही होता है|
अपने संबोधन में सेवक संजयनाथ जी ने कहा की जिनका भी पैसा विदेशी बैंको में है उन सभी नेताओं ने रामदेव बाबा के खिलाफ बोला है, जैसे उदाहरण स्वरूप दिग्विजय सिंघ और लालू यादव. इन लोगो की बैचैनी बढ़ गयी है|

जगतगुरू ने कॉंग्रेस सरकार से यह कहा की पुरातन काल से भारत वर्ष में सदेव ही साधु संतों की राय पर ही राजनीति चली है, जब से यह होना बंद हुआ है तब से ही राजनीति में भ्रष्टाचार बढ़ा है|
इसके बाद उन्होने आम जनता को संबोधित करते हुए जनता से कहा की साधु संत समाज के लिए होते है, उनपर देर रात में चोरी छुपे पुलिस कार्यवाही को ग़लत करार देते हुए रामदेव बाबा के समर्थन में उन्होने अपने अनेकों भक्तो के साथ स्वयं रक्सौल पुलीश स्टेशन में जाकर अपनी गिरफ्तारी दर्ज कराई|

उन्होने कहा की सोनिया गाँधी और कॉंग्रेस सरकार जब तक रामदेव बाबा से माफी नही माँगेगी यह क्रांति ऐसे ही चलती रहेगी.
जगतगुरू वामाचार्या सेवक संजयनाथ ने अपने गुरुनाथ अखाड़ा की ओर से अपने १६ हज़ार समर्थको के साथ रामदेव बाबा की इस सत्याग्रह आंदोलन में समर्थन देने का वचन दिया है|