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Thursday, February 25, 2010

Tuesday, February 23, 2010

नेहरु और भाजपा अध्यक्ष गडकरी में कोई अंतर नहीं - दोनों ने हिन्दुओं कों ठगा


जिस प्रकार देश की आजादी के बाद नेहरु सरकार ने भारत की सत्ता पर कामिल होने के लिए मुसलमानों कों कश्मीर भेंट किया एवं ३७० धारा लगा कर आम हिन्दू भारतीयों कों जलील किया उसी तरह आज भाजपा अध्यक्ष गडकरी ने राम मंदिर के एवज में मस्जिद देने की घोषणा कर भारत के हिन्दुओं के गाल पर तमाचा मारने का काम किया है।
भारत के राजनेताओं कों भारत एवं भारत के हिन्दुओं से कोई प्रेम नहीं है। उन्हें सिर्फ भारत की सत्ता चाहिए। सत्ता के लिये अगर हिन्दुओं कों बेचना पड़े या धर्म कों बेचना पड़े तो यह सब बेचने के लिए तैयार हैं। इस घोषणा कों घोषित कर भाजपा ने यह सिद्ध कर दिया की भाजपा और कांग्रेस में कोई अंतर नहीं है। जिस प्रकार कांग्रेस ने हिन्दुओं का शोषण किया उसी प्रकार भाजपा भी अब हिन्दुओं का शोषण कर रही है।
भाजपा का हाल उस कहानी के सामान हो चुका है की एक समय एक मुसलमान और एक हिन्दू में प्रतियोगिता हुई। मुसलमान कहे की अल्लाह बड़ा तो हिन्दू कहे की राम बड़ा। दोनों ने तय किया की हम दोनों ही अपने अपने भगवान् का नाम लेके छत से कूदेंगे। जिसकी जान कूदने पर भी बच जाएगी उसका भगवान् श्रेष्ठ होगा।
मुस्लिम चालाक था उसने पहले हिन्दू भक्त कों कूदने के लिये कहा और मन में सोचा की यदि यह पहले मर जायेगा तो मुझे कूदने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी। हिन्दू भक्त सच्चा भक्त था। वह राम का नाम लेके सही में छत से कूद गया। उसका बाल भी बांका नहीं हुआ। जब मुस्लिम की बारी आई तो वह सोच में पड़ गया। वह अल्लाह का नाम लेके छत से कूदा लेकिन बीच में आते आते उसे भय हुआ की कहीं उसका हाथ पैर न टूट जाये तो उसने अल्लाह का नाम छोड़ कर राम का नाम भी लेना शुरू कर दिया। जिसका परिणाम हुआ की जब वह पृथ्वी पर गिरा तो उसका हाथ पाँव और माथा सब फूट गया।
हिन्दू भक्त ने उस से पुछा की अब तो मेरे राम बड़े है तो उस ने कहा की मैंने तो अल्लाह का नाम भी लिया और राम का नाम भी लिया तो मेरा यह हाल क्यों हुआ ?
तब हिन्दू भक्त ने कहा की तुम्हे अपने अल्लाह पर विश्वास नहीं है इसलिए तुम्हारा यह हाल हुआ। मुझे अपने राम पर विश्वास था इसलिए में बच गया।
यही स्थिति आज भाजपा की हो गयी है. राम का नाम लेते लेते अब वह अल्लाह का नाम भी लेने लगे है। इसलिए बीते चुनाव में उनके हाथ पाँव बुरी तरह टूटे थे।परन्तु अपने गलती कों स्वीकारने की जगह तथा उस से सबक लेने की जगह भाजपा सरकार गलतियों पे गलतिया करती जा रही है। मुझे डर है की अब भाजपा अध्यक्ष गडकरी की इस गलती के बाद भाजपा सरकार के प्राण भी नहीं बचेंगे। गडकरी कों पूरे भारत के हिन्दुओं से माफ़ी मांगनी चाहिए अन्यथा आगामी चुनाव में भाजपा कों हिन्दुओं का जवाब मिल जायेगा।
इस ब्लॉग के माध्यम से जगतगुरु वामाचार्य सेवक संजय नाथ आम हिन्दूवासियों से यह अपील करना चाहते है की भाजपा अब हिन्दू हितैषी पार्टी नहीं रही। पूरे भारत के हिन्दुओं से मेरी यह अपील है की अब सब हिन्दू राष्ट्र सेवा दल कों अपना वोट दे कर हिन्दू शक्ति कों मज़बूत बनाये।

Saturday, February 13, 2010

महा शिवरात्री धूम धाम से संपन्न- काली मंदिर रक्सौल



महाशिवरात्रि के अवसर पर शुक्रवार को सेवक संजयनाथ तांत्रिक काली मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हर-हर, महादेव के जयघोषों से वातावरण प्रातः ६ बजे से ही गुंजने लगा।
काली मंदिर परिसर से कलश यात्रा के साथ भगवान शिव के विभिन्न रूपों की झांकियों के साथ बारात निकाली गई, जिसमें शामिल शिव के गण आकर्षण का केन्द्र बने रहे। जगतगुरु वामाचार्य सेवक संजयनाथ ने शाही जुलूस का नेत्रित्व्य करते हुए सभी भक्तो के साथ काली मंदिर से सरिसवा नदी जा कर शिव जी की घाट पर पूजा की। फिर वहा से नदी का जल ले कर नगर परिक्रमा करते हुए यात्रा मंदिर वापस पहुंची।


मंदिर में भगवान शिव का भव्य श्रृंगार कार्यक्रम आयोजित किया गया। हज़ारो की संख्या में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किए और रात्रि जागरण किया. भोलेशंकर का दिव्य श्रृंगार एवं भस्म आरती स्वयं जगतगुरु वामाचार्य सेवक संजयनाथ ने अपने हाथों से किया। ततपश्चात् सभी भक्तों ने भी चारो प्रहर रात्रि जागरण करते हुए भोलनाथ का रुद्राभिषेक तथा आरती की। इस दौरान अखंड अष्टयाम व भंडारा का आयोजन भी हुआ।



सेवक संजयनाथ तांत्रिक काली मंदिर की शिवरात्रि अपने आप में आलौकिक है। २०० किलो से ऊपर दूध, दही, मध्, शक्कर तथा जल से भोलेनाथ का रुद्राभिषेक शिवरात्रि पर्व में भक्तो की भक्ति कों दर्शाता है। रात्रि के चारो प्रहर में रुद्राभिषेक के पश्चात् हर बार अलग ढंग से शिव लिंग का श्रृंगार भी अति मनमोहक है।
शिवरात्रि पर काली मंदिर में साधना गृह की माँ काली के दर्शन के लिए भी काफी भक्तजन साल भर इंतज़ार करते है। शिवरात्रि साल का पहला उत्सव होता है जब सेवक संजयनाथ तांत्रिक काली मंदिर में सेवक संजयनाथ जी अपनी साधना गृह कों भक्त जनों के लिए खोल देते है।

मंदिर में महाशिवरात्रि को देखते हुए विशेष इंतजाम किए गए थे। इस अवसर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।