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Thursday, August 25, 2011

अन्ना की लाश पर सरकार एवम विपक्षी दल की राजनीति हो रही है:


सरकार और विपक्ष दोनो पार्टियों की जनलोकपाल बिल पर प्रतिक्रिया देख कर मुझे यह प्रतीत हो रहा है की दोनो ही पक्ष अन्ना हज़ारे जी के इस आंदोलन से अपने अपने राजनीतिक उल्लू सीधा करने में लगे हुए हैं| किसी को भी अन्ना हज़ारे जी की जान और उनके भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने के इस अभियान से कोई सरोकार नही है|

कॉंग्रेस ने तब तक जनलोकपाल बिल को संसद में पेश नही किया जब तक की वह इस बात से आश्वस्त नही हो गयी कि विपक्ष भी इस लोकपाल बिल के समर्थन में नही है| सरकार इस समय के ताक में थी जब विपक्षी पार्टियाँ बिल के लिए अपना पूरा समर्थन ना दें, और सरकार जनता के सामने अन्ना हज़ारे के समर्थन में दिखाई दे तब वह लोकसभा में बिल पेश करे| 

भाजपा ने भी अन्ना हज़ारे टीम के अनशन को शुरू में अपना पूरा समर्थन दिया ताकि जनता का विश्वास जीत सके | परंतु जैसे ही बिल लोकसभा में पेश करने के लिए सरकार आगे आई तो पीछे से भाजपा ने जनलोकपाल बिल से पूरी तरह सहमति ना जताते हुए उसमें संशोधन की माँग कर दी| ऐसा करके भाजपा स्वयं अपनी ही राजनीति में फेल हो चुकी है| भाजपा ने शुरू में आंदोलन को समर्थन दिया परंतु एक दो दिन पहले ही अपने वक्तव्य में यह दर्शा दिया की वह भी जनलोकपाल बिल के समर्थन में पूरी तरह से नही है|

जनता को अब यह समझ आ गया है की सरकार एवम विपक्ष / भाजपा दोनो ही एक साथ हैं| मेरे विचार से जनता के समक्ष इस समय भाजपा की स्थित तो कॉंग्रेस से भी ज़्यादा खराब है, क्योंकि सरकार तो बिल को लोकसभा में चर्चा के लिए पेश कर के अपना पक्ष अन्ना के समर्थन में दर्शा चुकी है, परंतु भाजपा ने बिल के लिए पूरा समर्थन ना दिखा कर जनता के सामने अपनी राजनीति स्वयं फेल कर दी है|

इन दोनो ही पार्टियों के इस राजनीतिक मंशा को देखते हुए मुझे यह प्रतीत हो रहा है की सरकार एवम विपक्ष दोनो ही इस बिल को पास होने नही देना चाहते है, बल्कि दोनो ही जनलोकपाल बिल को अपने अगले चुनाव का मसौदा बनाने में जुटे हुए है|

भाजपा यह चाह रही थी की सरकार जनलोकपाल बिल को लोकसभा मे पेश ना करे ताकि अगले चुनाव में वह इस बात कॉ मुद्दा बना कर जनता से कह सके की यदि वे सरकार में आए तो इस बिल को लोकसभा में पेश कर देंगे| परंतु इस वक्त कॉंग्रेस ने बिल को लोकसभा में पेश करके भाजपा के इस राजनीतिक चाल को फेल कर दिया है| कॉंग्रेस यह चाह रही थी की विपक्ष का हवाला देते हुए जनता से कह सके की हम तो लोकसभा में बिल पास करना चाहते थे, परंतु विपक्ष ने साथ नही दिया, और ऐसा करने में वह सफल भी हो गयी| परंतु सच्चाई यह है की दोनो ही इस बिल को पास नही होने देना चाहते है| मेरी भाजपा को यह चेतावनी है की वा अन्ना को अपना पूरा समर्थन दे वरना भाजपा की साख मॅटीया-मेट हो जाएगी

मेरी सरकार एवम विपक्ष दोनो से ही यह विनती है की जनता की माँग को अनसुना ना करते हुए अन्ना हज़ारे जी के जनलोकपाल बिल को जल्द से जल्द संसद में पारित करवाने का संगठित प्रयास करें| 




Saturday, August 20, 2011

अन्ना की क्रांति न्यूटन के तीसरे नियम की ओर:


जगतगुरू वामाचार्या सेवक संजयनाथ, ने कहा की क्यों नही यह सरकार लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत करा ले और यह जान ले की वह सरकारी लोकपाल बिल चाहते है या जनलोकपाल बिल| अन्यथाजनमत संग्रह करा ले|.

यदि सरकार यह नही कर पाती है तो हमें लगता है की यह क्रांति कहीं न्यूटन के तीसरे नियम के अनुरूप ना हो जाए|
न्यूटन के नियम के अनुसार सभी क्रिया की बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है| हमें ऐसा लगता है की जिस प्रकार अन्ना की क्रांति एक शांतिप्रिय क्रांति हो रही है तो न्यूटन के तीसरे नियम के अनुसार यह क्रांति उसी प्रकार एक बड़ी विध्वनश्कारी क्रांति के रूप में परिवर्तित भी हो सकती है|

अगर हम सब न्यूटन के तीसरे नियम को मानते है तो यह अवश्य हो सकता है|. इसीलिए मेरा सरकार से निवेदन है की यह क्रांति न्यूटन के तीसरे नियम पर न चली जाए, क्योंकि अगर चली गयी तो सरकार के पास एमर्जेन्सी के अलावा कोई उपाय नही रह जाएगा,जो की सरकार के लिए घातक सिद्ध होगा|

इसलिए मेरा सरकार से अनुरोध है की अपना समय व्यर्थ ना गवाए, और इस पर जल्द से जल्द विचार कर निर्णय ले. 

Thursday, August 18, 2011

जन लोकपाल बिल के लिए जनता से ही वोटिंग - सुझाव


सरकार को सरकारी लोकपाल बिल ऑर अन्ना हज़ारे जी की टीम द्वारा बनाई लोकपाल बिल दोनो को जनता के समक्ष लाना चाहिए और क्योंकि इस बिल के पास होने पर जनता की भलाई होगी, इसलिए जनता को ही इन दोनो बिल में से एक बिल को वोट कर के चुनाव करने का हक मिलना चाहिए.

मेरा सरकार एवम विपक्ष दोनो से यह निवेदन है की सरकार की सहायता से जनमत सॅंग्रह कराए ओर भारत की आम जनता से वोटिंग कराए की सरकारी लोकपाल बिल चाहिए या फिर अन्ना हज़ारे जी की लोकपाल बिल चाहिए. क्योंकि यह जनतंत्र है इसलिए जनता का मत लेना चाहिए, इस से सभी को पता चल जाएगा की जनतंत्र की मर्ज़ी क्या है.

मेरा यह निवेदन है की ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को यह सुझाव  भेजा जाए ताकि इस सुझाव से इस विवाद का निवारण हो सके.

जगतगुरू वामाचार्या सेवक संजयनाथ.

Tuesday, August 16, 2011

अन्ना हज़ारे देश की जनता की आवाज़

अन्ना हज़ारे जी के लोकपाल बिल को सरकार अगले २४ घंटे में मानेगी| अन्ना हज़ारे की गिरफ्तारी आम आदमी की गिरफ्तारी का प्रतीक है| १६ अगस्त की क्रांति भारत के लिए एक नया रूप ले कर आएगी| १६ अगस्त की यह घटना इस बात का प्रतीक है की कोई भी सरकार जनता से बढ़ कर नही है| सरकार जनता ने बनाई है ओर जनता की बात सरकार को माननी होगी.जनता जो चाहेगी लोकतंत्र में वही होता है. लोकतंत्र में सरकार से बड़ा जनतंत्र है.

मनमोहन सिंग ने इंदिरा की पुरानी याद को ताज़ा किया

यह कॉंग्रेस पार्टी उस इंदिरा की ग़लती को भूल चुकी है,इसी प्रकार इंदिरा ने पूर्व में भारत में एमर्जेन्सी लगाया था ऑर जो लोग समाज के लिए लड़ रहे थे उन पर करवाही कर के उन्हे जेल भेजा था.साथ ही साथ मनमोहन सींग को मिस्र (ईजिप्ट) की घटना से सीखना चाहिए.मुबारक ओर मनमोहन में कोई फरक नही है|
भारत में भी ईजिप्ट जैसा आंदोलन होगा ऑर भारत की जनता कॉंग्रेस ऑर सरकार के इन भ्रष्ट नेताओं को नही छोड़ेगी.
सरकार को अन्ना के लोकपाल बिल को मानना पड़ेगा वरना इस सरकार के सत्ता में अब कुछ ही दिन बाकी है !!!
मेरी सुप्रीम कोर्ट से यह अपील है की इस अनैतिक करवाही पर अपना जल्द से जल्द कोई उत्तर दे.

Monday, August 15, 2011

गुरुनाथ अखाड़ा का अन्ना हज़ारेज़ी को समर्थन

15th Aug2011 - आज गुरुनाथ अखाड़ा की बैठक करते हुए जगतगुरू वमाचर्या ने अपने संबोधन में कहा की जब से देश आज़ाद हुआ है, तब से हम भारतीय लगातार भ्रष्ट अफ़सर एवम भ्रष्ट नेताओं के कारण हम परेशान हुए ही हैं, साथ ही साथ देश की भी छवि विश्व स्तर पर खराब हुई है| आम लोग इन भ्रष्ट लोगों के खिलाफ बोलने से इसलिए डरते हैं क्योंकि उन्हे डर रहता है की यदी वे मुँह खोलेंगे तो उनके बाद उनके परिवार को कौन देखेगा!!! यही कारण है की आम जनता कभी कुछ नही कर पाती है|
इसलिए साधु संतों और समाजसेवकों को ही इसके लिए आगे आना पड़ता है. इसका प्रमाण जब इंदिरा गाँधी के समय में उनका अत्याचार बढ़ा तो लोक नायक जय प्रकाश नारायण जी को सामने आना पड़ा था ऑर जब अँग्रेज़ों का अत्याचार बढ़ा तो गाँधीजी को आगे आना पड़ा| जब मुगलों का अत्याचार बढ़ा तब शिवाजी के साथ समर्थ राम दास जैसे सन्यासी को  आगे आना पड़ा| आज भी देश की वही स्थिति हो चुकी है, जब अन्ना के साथ राम देव बाबा भी समर्थन में आयेज आए हैं. और यह भ्रष्ट सरकार उनके सामाजिक कार्यों को पीछे छोड़ उन पर इल्ज़ाम लगाने में व्यस्त है. सरकार अपनी ग़लतियाँ भूल कर समाजसेवियों की इंक्वाइरी करने में व्यस्त है.
जगतगुरू ने सभी संतों को संबोधित करते हुए कहा की हम सब शिवाजी नही बन सकते हैं परंतु समर्थ राम दास जी के जैसे अन्ना जी का समर्थन देश से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए अवश्य कर सकते है| साथ ही साथ इस ब्लॉग के मध्यम से सभी साधु संतों से मेरा यह अपील है की वह जहा कहीं भी है वहीं से अन्ना हज़ारे जी को समर्थन दें तभी इस देश से भ्रष्टाचार ख़त्म हो पाएगा.

अन्ना हज़ारे जी से जगतगुरू वमाचर्या सेवक संजयनाथ की ओर से पूरा समर्थन है अथवा समय आने पर वह स्वयं अन्ना जी के साथ अनशन करने को भी तत्पर रहेंगे, 

Tuesday, June 07, 2011

लोगों ने दी गिरफ्तारी बाबा के समर्थन में उतरे संन्यासी - Prabhat Khabar


रक्सौल (पू च) : अपनी बात सरकार से मनवाने के लिए अगर कोई दर्जनों मामलों का आरोपित नेता अनशन पर बैठता है, तो उसे राजनीतिज्ञ कहा जाता है. वही, शांति पूर्ण माहौल में अगर कोई साधु-संत भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अनशन करता है, तो सरकार अपने वरदीधारियों से उन पर लाठी चलवाती है.
उक्त बातें सीमाई शहर रक्सौल स्थित डाकघर चौक पर सोमवार को गुरुनाथ अखाड़ा के संस्थापक वामाचार्य सेवक संजय नाथ ने योग गुरू बाबा रामदेव व उनके समर्थकों पर की गयी पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में आयोजित सांकेतिक धरना में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कही.
वामाचार्य ने केंद्र सरकार की तीव्र भर्त्सना करते हुए कहा कि जब भी इस देश पर भ्रष्ट नेताओं की राजनीति हावी हुआ, वहीं से देश विखंडन की ओर बढ़ा. उन्होंने निरंकुश कांग्रेसी नेताओं को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया. साथ ही मंगलवार को रक्सौल बंद को सफल बनाने के लिए उन्होंने सभी व्यवसायियों से अपनी-अपनी दुकानों को बंद रखने की अपील की.
सांकेतिक धरना के बाद जगतगुरु वामाचार्य अपने शिष्यों एवं अनुयायियों के साथ रक्सौल थाना में गिरफ्तारी दी. रक्सौल इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तारी देने वालों में सेवक संजय नाथ, सेवक सौरभनाथ, चंद्रशेखर भारती, दीपक श्रीवास्तव, डा स्वयंभू शलभ, ईवरर चंद्र कुशवाहा, विजय शर्मा, कुंदन सिंह, सेवक शिवनाथ, अवध किशोर पटेल, प्रकाश, चंदन पांडेय, रूपेश मिश्र, अनिल अग्रवाल, जगदेव महतो सहित अन्य शामिल हैं.
इन्हें गिरफ्तारी के बाद बेल पर छोड़ दिया गया. धरना को शांतिपूर्ण संपन्न करने के लिए धरना स्थल पर दारोगा उमाशंकर सिंह के साथ जवानों को प्रतिनियुक्त किया गया था.

Monday, June 06, 2011

बाबा रामदेव के समर्थन में सड़क पर उतरे लोग- Jagran


रक्सौल। भ्रष्टाचार व काले धन की वापसी के मुद्दे पर दिल्ली में अनशन के दौरान योग गुरू बाबा रामदेव की गिरफ्तारी व उनके समर्थकों पर दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ सोमवार को शहर के विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस क्रम में गुरुनाथ अखाड़ा व विश्व हिन्दू वामाशक्ति के कार्यकर्ताओं ने अखाड़ा के संस्थापक सेवक संजयनाथ के नेतृत्व में जुलूस निकालकर पोस्ट ऑफिस चौक पर सभा की। सभा को संबोधित करते हुए श्री नाथ ने केन्द्र सरकार की तीव्र आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचारियों को प्रश्रय दे रही है। जब इस देश के साधु-संत उनके काले करतूतों को जनता के सामने उजागर करते हैं, तो उन्हें ठग की उपाधि दी जाती है। इस सरकार को बाबा रामदेव व उनके समर्थकों पर किए गए अत्याचार का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इस दौरान सेवक संजयनाथ, अखाड़ा के महामंत्री सेवक सौरभनाथ, वामाशक्ति के महामंत्री चंद्रशेखर भारती, दीपक श्रीवास्तव, डा. स्वयंभू शलभ, ईश्वरचंद्र कुशवाहा, विजय शर्मा, कुंदन सिंह, सेवक शिवनाथ, अवधकिशोर पटेल, ई. रविप्रकाश, चंदन पांडेय, रूपेश मिश्रा, अनिल अग्रवाल, जगदेव महतो आदि ने गिरफ्तारी दी।

रामदेव बाबा के समर्थन में जगतगुरू ने पुलिस को स्वयं दी गिरफ्तारी

जगतगुरू वमाचार्या सेवक संजयनाथ जी ने भारत के प्रमुख संत रामदेव बाबा और उनके समर्थको के उपर कॉंग्रेस की सरकार द्वारा  आँसू गॅस छोड़ने एवम् लाठी चार्ज करने की इस घटना की निंदा करते हुए कहा की सरकार ने इंदिरा गाँधी के समय हुई आपातकालीन स्थिति को याद कराया है | उस वक्त एमर्जेन्सी के समय इंदिरा गाँधी ने धीरेन्द्र ब्रह्मचारीजी को अर्रेस्ट करवाया था और तब धीरेन्द्र ब्रह्मचारी जी ने इंदिरा गाँधी को बोला था की "मुझे तो कहीं भी रहने की आदत है पर तुम इस जेल को ए सी बनवा लो क्योंकि बहुत जल्द तुम जेल में आने वाली हो."
रक्सौल थाना रोड पर इस सभा को संबोधित करते हुए जगतगुरू ने कहा की जब भ्रष्‍ट और क्रिमिनल नेता धरना देते हैं तो यह लोग उसे राजनीति कहते हैं, लेकिन जब एक समाजसेवी , संत सन्यासी भ्रष्टाचार के खिलाफ शांति पूर्ण ढंग से आमरण अनशन करता है तो यह कॉंग्रेस सरकार उसे ठग एवम् पाखंडी कहती है|
यहा तक की दिग्विजय सिंग यह भूल चुके हैं की भारत संतों का देश है,जब जब भारत में अत्याचार हुआ है तब तब कोई ना कोई नया संत भारत की भूमि पर अवतरित हुआ है और उसने सत्ता परिववार्तन का शंखनाद किया है|

दिग्विजय सिंग को यह पता नही है की उनके पड़ोसी राज्य बिहार में जब राजाओं का अत्याचार बढ़ गया था तो उस समय भी एक संत चाणकय का अवतरण हुआ था और उन्होने ही एक नन्हे से बालक चंद्रगुप्त को अत्याचारी राजाओं के विरुढ़ शंखनाद करने का आदेश दिया. तब भी दिग्विजय सिंग कहते हैं की साधु संतों को राजनीति नही करनी चाहिए, जबकि उन्हे मालूम होना चाहिए की चाणकया नीति से बढ़कर राजनीति की कोई और किताब नही है ओर दुनिया भर में उनकी नीतियों से प्रेरित होकर ही राजनीति चलती है|  इस  उदाहरण से भी यदि उन्हे ज्ञान ना मिले तो अपने दूसरे पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के इतिहास की ओर देखे, वहाँ पर भी जब भारत में विदेशियों द्वारा प्रचार हो रहा था तो स्वामी समर्थ रामदास गुरु ने छत्रपति शिवाजी जैसे बालक को अंग्रेज़ो के विरुद्ध युध रणनीति सिखाई और अंग्रेज़ो के खिलाफ उन्हे तैयार कराया| दिग्विजय सिंग को यह सब कहानियाँ पता है इसलिए वह डर गये हैं| वो जानते हैं की जब भारत में संत शंखनाद करता है तो दुष्ट लोगों का विनाश संभव ही होता है|
अपने संबोधन में सेवक संजयनाथ जी ने कहा की जिनका भी पैसा विदेशी बैंको में है उन सभी नेताओं ने रामदेव बाबा के खिलाफ बोला है, जैसे उदाहरण स्वरूप दिग्विजय सिंघ और लालू यादव. इन लोगो की बैचैनी बढ़ गयी है|

जगतगुरू ने कॉंग्रेस सरकार से यह कहा की पुरातन काल से भारत वर्ष में सदेव ही साधु संतों की राय पर ही राजनीति चली है, जब से यह होना बंद हुआ है तब से ही राजनीति में भ्रष्टाचार बढ़ा है|
इसके बाद उन्होने आम जनता को संबोधित करते हुए जनता से कहा की साधु संत समाज के लिए होते है, उनपर देर रात में चोरी छुपे पुलिस कार्यवाही को ग़लत करार देते हुए रामदेव बाबा के समर्थन में उन्होने अपने अनेकों भक्तो के साथ स्वयं रक्सौल पुलीश स्टेशन में जाकर अपनी गिरफ्तारी दर्ज कराई|

उन्होने कहा की सोनिया गाँधी और कॉंग्रेस सरकार जब तक रामदेव बाबा से माफी नही माँगेगी यह क्रांति ऐसे ही चलती रहेगी.
जगतगुरू वामाचार्या सेवक संजयनाथ ने अपने गुरुनाथ अखाड़ा की ओर से अपने १६ हज़ार समर्थको के साथ रामदेव बाबा की इस सत्याग्रह आंदोलन में समर्थन देने का वचन दिया है|

Wednesday, April 20, 2011

विष्णु महा यज्ञ उदघाटन संपन्न

जगतगुरु वामाचार्य सेवक संजय नाथ जी द्वारा भागलपुर में नौ दिनों का विष्णु महा यज्ञ  उदघाटन संपन्न |
१९ अप्रैल २०११ को अपने भक्तो के आग्रह पर जगतगुरु ने स्वयं भागलपुर जा कर विष्णु महा यज्ञ का उदघाटन दीप प्रज्वलित कर के किया. समारोह में  हज़ारों की संख्या में भक्तो और आस पास के गावों से लोगों ने हिस्सा लिया. 



जगतगुरु वामाचार्य ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा की जिस देश में औरतों और स्त्रियों का सम्मान नहीं किया जाता वहां समृद्धि नहीं हो सकती. लड़कियों और औरतों का सम्मान करना समाज का धर्म है. साथ ही साथ उन्होंने धार्मिक कार्यों के भी महत्त्व को अपने संबोधन में दर्शाया | 

उन्होंने आजकल बुजुर्गों के साथ हो रहे व्यवहार की भी निंदा करते हुए कहा की पश्चिमी सभ्यता से अधीन हो कर भारत में भी अप वृधा आश्रम खोलने का रिवाज़ शुरू होता जा रहा है. उन्होंने कहा की भारत की संस्कृति में बूढ़े माँ बाप की सेवा करना बच्चो और पोते-पोतियों का धर्म माना गया है. उन्हें बुढ़ापे में वृध आश्रम में छोड़ देना बिलकुल गलत है. उन्होंने कहा की जो बच्चे अपने माता पिता को उनके दादा दादी/ नाना नानी के साथ गलत व्यवहार करते हुए देखते हैं उन्हें अपने माता पिता को भी सम्मान नहीं देना चाहिए. 

विष्णु महा यज्ञ भागलपुर में अगले नौ दिनों तक चलेगा.

Thursday, March 03, 2011

अंतरजातीय विवाह करने वाले युगल हुए सम्मानित



रक्सौल,पूच। माता पार्वती ने बारह वर्षो की तपस्या के बाद शिव को प्राप्त किया था। धर्म शास्त्रों पर नजर डालें, तो महादेव गरीब व भिक्षाटन करने वाले देवता व माता पार्वती राजा की पुत्री थी। इसको लेकर विरोध हुआ, परंतु जप-तप व देवगण की कृपा से शादी संपन्न हुई। दहेज प्रथा के अंत व समतामूलक समाज की स्थापना के लिए इस भौतिकवादी युग में कुछ इसी प्रकार की आवश्यकता है। समाज के पढ़े-लिखे अभिभावक व युवा वर्ग जो अपनी सभ्यता-संस्कृति की समझ रखते है, उन्हें जात-पात से उपर उठकर सादे समारोह में पाणिग्रहण संस्कार के लिए आगे आना चाहिए। इसके लिए वर-वधु दोनों पक्ष के सगे-संबंधी का राजी होना आवश्यक है। उक्त बातें महाविशरात्रि के अवसर पर अंतरजातीय विवाह करने वाले सीतामढ़ी निवासी वर्तमान में रक्सौल में एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान के संचालक रामचंद्र पररशुरामपुरिया के पुत्र अनिल अग्रवाल व वाराणसी निवासी हरिदास श्रीवास्तव की पुत्री रश्मि श्रीवास्तव को कालीन्यास प्रांगण में सेवक संजयनाथ ने एक भव्य समारोह में सम्मानित करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने 11 हजार नकद, प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्र देकर युगल को आशीर्वाद दिया। उन्होंने ऐसे युगल को जो पात-पात से उपर उठकर विवाह करते हैं, उन्हें प्रत्येक वर्ष सम्मानित करने की घोषणा की। इस मौके पर प्रो. विनय कुमार, डा. स्वयंभू शलभ, किरणशंकर, अनिल सर्राफ, चंद्रशेखर भारती, विजय गुप्ता, दीपक श्रीवास्तव, ई. अशोक कुमार, सेवक सौरभनाथ सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

महाशिवरात्रि पर गूंजा हर-हर महादेव






रक्सौल,पूच। महाशिवरात्रि पर्व पर बुधवार को शहर के शिवालयों व मंदिरों में श्रद्धालुओं ने हर-हर महादेव के जयघोष के साथ देवाधिदेव महादेव का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की। इस पर्व को लेकर पूरा क्षेत्र भक्तिमय वातावरण में डूबा रहा। 
 स्थानीय काली मंदिर से कलश यात्रा के साथ विभिन्न झांकियों सहित भगवान शिव की बारात निकाली गई, जिसमें शामिल शिव के गण आकर्षण का केन्द्र बने रहे। शिव बारात नगर परिक्रमा के पश्चात सरिसवा नदी से जल लेकर पुन: मंदिर पहुंची, जहां वामाचार्य सेवक संजयनाथ द्वारा भगवान शिव का रूद्राभिषेक व जलाभिषेक के बाद पूजन व भष्म आरती की गई। इस दौरान अखंड अष्टयाम व भंडारा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अंतरजातीय विवाह करने वाले युगल अनिल अग्रवाल व रश्मि श्रीवास्तव को सम्मानित किया गया। इधर महाशिवरात्रि को लेकर शहर में खूब चहल-पहल रही।