जगतगुरू वमाचार्या सेवक संजयनाथ जी ने भारत के प्रमुख संत रामदेव बाबा और उनके समर्थको के उपर कॉंग्रेस की सरकार द्वारा आँसू गॅस छोड़ने एवम् लाठी चार्ज करने की इस घटना की निंदा करते हुए कहा की सरकार ने इंदिरा गाँधी के समय हुई आपातकालीन स्थिति को याद कराया है | उस वक्त एमर्जेन्सी के समय इंदिरा गाँधी ने धीरेन्द्र ब्रह्मचारीजी को अर्रेस्ट करवाया था और तब धीरेन्द्र ब्रह्मचारी जी ने इंदिरा गाँधी को बोला था की "मुझे तो कहीं भी रहने की आदत है पर तुम इस जेल को ए सी बनवा लो क्योंकि बहुत जल्द तुम जेल में आने वाली हो."
रक्सौल थाना रोड पर इस सभा को संबोधित करते हुए जगतगुरू ने कहा की जब भ्रष्ट और क्रिमिनल नेता धरना देते हैं तो यह लोग उसे राजनीति कहते हैं, लेकिन जब एक समाजसेवी , संत सन्यासी भ्रष्टाचार के खिलाफ शांति पूर्ण ढंग से आमरण अनशन करता है तो यह कॉंग्रेस सरकार उसे ठग एवम् पाखंडी कहती है|
यहा तक की दिग्विजय सिंग यह भूल चुके हैं की भारत संतों का देश है,जब जब भारत में अत्याचार हुआ है तब तब कोई ना कोई नया संत भारत की भूमि पर अवतरित हुआ है और उसने सत्ता परिववार्तन का शंखनाद किया है|
दिग्विजय सिंग को यह पता नही है की उनके पड़ोसी राज्य बिहार में जब राजाओं का अत्याचार बढ़ गया था तो उस समय भी एक संत चाणकय का अवतरण हुआ था और उन्होने ही एक नन्हे से बालक चंद्रगुप्त को अत्याचारी राजाओं के विरुढ़ शंखनाद करने का आदेश दिया. तब भी दिग्विजय सिंग कहते हैं की साधु संतों को राजनीति नही करनी चाहिए, जबकि उन्हे मालूम होना चाहिए की चाणकया नीति से बढ़कर राजनीति की कोई और किताब नही है ओर दुनिया भर में उनकी नीतियों से प्रेरित होकर ही राजनीति चलती है| इस उदाहरण से भी यदि उन्हे ज्ञान ना मिले तो अपने दूसरे पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के इतिहास की ओर देखे, वहाँ पर भी जब भारत में विदेशियों द्वारा प्रचार हो रहा था तो स्वामी समर्थ रामदास गुरु ने छत्रपति शिवाजी जैसे बालक को अंग्रेज़ो के विरुद्ध युध रणनीति सिखाई और अंग्रेज़ो के खिलाफ उन्हे तैयार कराया| दिग्विजय सिंग को यह सब कहानियाँ पता है इसलिए वह डर गये हैं| वो जानते हैं की जब भारत में संत शंखनाद करता है तो दुष्ट लोगों का विनाश संभव ही होता है|
अपने संबोधन में सेवक संजयनाथ जी ने कहा की जिनका भी पैसा विदेशी बैंको में है उन सभी नेताओं ने रामदेव बाबा के खिलाफ बोला है, जैसे उदाहरण स्वरूप दिग्विजय सिंघ और लालू यादव. इन लोगो की बैचैनी बढ़ गयी है|
जगतगुरू ने कॉंग्रेस सरकार से यह कहा की पुरातन काल से भारत वर्ष में सदेव ही साधु संतों की राय पर ही राजनीति चली है, जब से यह होना बंद हुआ है तब से ही राजनीति में भ्रष्टाचार बढ़ा है|
इसके बाद उन्होने आम जनता को संबोधित करते हुए जनता से कहा की साधु संत समाज के लिए होते है, उनपर देर रात में चोरी छुपे पुलिस कार्यवाही को ग़लत करार देते हुए रामदेव बाबा के समर्थन में उन्होने अपने अनेकों भक्तो के साथ स्वयं रक्सौल पुलीश स्टेशन में जाकर अपनी गिरफ्तारी दर्ज कराई|
उन्होने कहा की सोनिया गाँधी और कॉंग्रेस सरकार जब तक रामदेव बाबा से माफी नही माँगेगी यह क्रांति ऐसे ही चलती रहेगी.
जगतगुरू वामाचार्या सेवक संजयनाथ ने अपने गुरुनाथ अखाड़ा की ओर से अपने १६ हज़ार समर्थको के साथ रामदेव बाबा की इस सत्याग्रह आंदोलन में समर्थन देने का वचन दिया है|
रक्सौल थाना रोड पर इस सभा को संबोधित करते हुए जगतगुरू ने कहा की जब भ्रष्ट और क्रिमिनल नेता धरना देते हैं तो यह लोग उसे राजनीति कहते हैं, लेकिन जब एक समाजसेवी , संत सन्यासी भ्रष्टाचार के खिलाफ शांति पूर्ण ढंग से आमरण अनशन करता है तो यह कॉंग्रेस सरकार उसे ठग एवम् पाखंडी कहती है|
यहा तक की दिग्विजय सिंग यह भूल चुके हैं की भारत संतों का देश है,जब जब भारत में अत्याचार हुआ है तब तब कोई ना कोई नया संत भारत की भूमि पर अवतरित हुआ है और उसने सत्ता परिववार्तन का शंखनाद किया है|
दिग्विजय सिंग को यह पता नही है की उनके पड़ोसी राज्य बिहार में जब राजाओं का अत्याचार बढ़ गया था तो उस समय भी एक संत चाणकय का अवतरण हुआ था और उन्होने ही एक नन्हे से बालक चंद्रगुप्त को अत्याचारी राजाओं के विरुढ़ शंखनाद करने का आदेश दिया. तब भी दिग्विजय सिंग कहते हैं की साधु संतों को राजनीति नही करनी चाहिए, जबकि उन्हे मालूम होना चाहिए की चाणकया नीति से बढ़कर राजनीति की कोई और किताब नही है ओर दुनिया भर में उनकी नीतियों से प्रेरित होकर ही राजनीति चलती है| इस उदाहरण से भी यदि उन्हे ज्ञान ना मिले तो अपने दूसरे पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र के इतिहास की ओर देखे, वहाँ पर भी जब भारत में विदेशियों द्वारा प्रचार हो रहा था तो स्वामी समर्थ रामदास गुरु ने छत्रपति शिवाजी जैसे बालक को अंग्रेज़ो के विरुद्ध युध रणनीति सिखाई और अंग्रेज़ो के खिलाफ उन्हे तैयार कराया| दिग्विजय सिंग को यह सब कहानियाँ पता है इसलिए वह डर गये हैं| वो जानते हैं की जब भारत में संत शंखनाद करता है तो दुष्ट लोगों का विनाश संभव ही होता है|
अपने संबोधन में सेवक संजयनाथ जी ने कहा की जिनका भी पैसा विदेशी बैंको में है उन सभी नेताओं ने रामदेव बाबा के खिलाफ बोला है, जैसे उदाहरण स्वरूप दिग्विजय सिंघ और लालू यादव. इन लोगो की बैचैनी बढ़ गयी है|
जगतगुरू ने कॉंग्रेस सरकार से यह कहा की पुरातन काल से भारत वर्ष में सदेव ही साधु संतों की राय पर ही राजनीति चली है, जब से यह होना बंद हुआ है तब से ही राजनीति में भ्रष्टाचार बढ़ा है|
इसके बाद उन्होने आम जनता को संबोधित करते हुए जनता से कहा की साधु संत समाज के लिए होते है, उनपर देर रात में चोरी छुपे पुलिस कार्यवाही को ग़लत करार देते हुए रामदेव बाबा के समर्थन में उन्होने अपने अनेकों भक्तो के साथ स्वयं रक्सौल पुलीश स्टेशन में जाकर अपनी गिरफ्तारी दर्ज कराई|
उन्होने कहा की सोनिया गाँधी और कॉंग्रेस सरकार जब तक रामदेव बाबा से माफी नही माँगेगी यह क्रांति ऐसे ही चलती रहेगी.
जगतगुरू वामाचार्या सेवक संजयनाथ ने अपने गुरुनाथ अखाड़ा की ओर से अपने १६ हज़ार समर्थको के साथ रामदेव बाबा की इस सत्याग्रह आंदोलन में समर्थन देने का वचन दिया है|
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