जगतगुरु वामचार्य की एक झलक पाने के लिए सभी श्रद्धालु जन अपने अपने पंडालों से बहार आ आ कर, भीड़ कों चीरते हुए उन्हें शाष्टांग दंडवत कर अपने आप कों सौभाग्यशाली बना रहे थे.
जगतगुरु वामचार्य महाराज की पेशवाई अपने आप में इतनी मनमोहक थी की गुरुनाथ अखाडा का नाम समस्त सनातन धर्म के बड़े बड़े अखाड़ो से कहीं पीछे नहीं रहा.
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