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Friday, July 17, 2009

विराट साधू महासंगम संपन्न - गुरुनाथ अखाडा

७ जुलाई को गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष में हर साल की तरह इस साल भी सुबह ७ बजे से १ बजे तक
दीक्षा समारोह संपन्न हुआ। जिस में भार
त, नेपाल के कोने कोने से भक्त जनों ने उल्लासपूर्वक इस साधू महासंगम में अपने गुरु की आराधना कर के सफल बनाया।
करीब १०० नए श्रधालुओं ने वाम मार्ग की दीक्षा मुझसे प्राप्त की। हजारों भक्तों ने अपनी श्रद्धाभावना से अपने गुरु की पूजा अर्चना की।मैंने भी अपने गुरु महाकाल की पूजा सर्वप्रथम करके अपने शिष्यों के साथ गुरु पूर्णिमा के समारोह का शुभारम्भ किया।
दोपहर १ बजे
के उपरांत जब सभी शिष्यों को प्रसाद वितरण हो गया तब रक्सौल नगर में सेवक संजयनाथ तांत्रिक काली मन्दिर से मेरी शाही यात्रा निकली। हजारों की संख्या में भक्तो, साधुओं तथा गुरुनाथ अखाडा के संतों ने इस जुलूस में हिस्सा लिया। साध्वियों और संयासिनियों की भी भीड़ कुछ कम न थी। नगर परिक्रमा के बाद पुनः जुलूस वापस काली मन्दिर शाम ५ बजे तक पहुँचा।
जिसके पश्चात् सनातन धर्मं संसद की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक की अगुवाई करते हुए मैंने हिंदू धर्मं के हित में कई विषयों पर अपने समूह के साथ चर्चा की। सर्व सहमती से हमने ७ प्रस्तावों को मुख्यतः पारित किया:
१> नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाना एवं राजा को पुनः नेपाल की गद्दी पर स्थापित करना।
२> गौ तस्करी एवं हत्या पर अंकुश लगना।
३> कैलाश मानसरोवर पर जाने के लिए हिन्दुओं को सरकार द्वारा सुविधा प्राप्त करवाने की मांग करना। ४> दिल्ली, मुंबई में स्थित इंडिया गेट अथवा गेटवे ऑफ़ इंडिया का नाम "भारत द्वार" रखने की मांग करना।
५> साधू संतो पर हो रहे अत्याचार को बंद करवाना।
६> धर्मान्तरण (धर्म परिवर्तन ) पर प्रतिबन्ध लगना।
७> भारत को सिर्फ़ भारत नाम से पुकारने की मांग करना।

एवं सनातन धर्म संसद में सेवक पंकज नाथ को महारास्त्र में गुरुनाथ अखाडा का प्रभारी बनाया गया।

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