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Saturday, July 04, 2009

समलैंगिकता को वैध ठहराना - प्रकृति के नियम का विरोध करना

समलैंगिकता को मान्यता देने के निर्णय का मैं, विश्व हिंदू वामा शक्ति एवं गुरुनाथ अखाडा सभी विरोध करते हैं। क्योंकि जब भी मनुष्य प्रकृति के विरुद्ध कार्य करता है उसका बहुत दुसपरिणाम होता है। जब आम मनुष्यों में मैथुन को मुक्त कर दिया गया यानि की एक से अधिक स्त्री या पुरूष के साथ मैथुन करना जब सही माना जाने लगा तब विश्व को इसके परिणाम के तौर पर ऐड्स जैसी जानलेवा बीमारी के प्रभाव झेलने पड़े। इसी प्रकार अप्राकृतिक मैथुन करना ऐड्स से भी बड़ी बीमारी को साक्षात् दावत देने के सामान है।
आज लड़कियों और लड़को की अधिक उम्र में शादी होने की वजह से वह लंबे समय तक अप्राकृतिक मैथुन करने में लगे रहते हैं। जिसका परिणाम कई प्रकार के गुप्त रोग और पुरुषों में सबसे अधिक नामर्दी होना है। जितने भी महिला या पुरूष समलैंगिक होते हैं उनके पीछे कुछ वैज्ञानिक और मेडिकल कारण होते हैं।
जो लोग समलैंगिक सम्बन्ध एक बार बना लेते हैं फ़िर ऐसे लोगो को विपरीत लिंग के साथ आनंद
नही मिलता। इसलिए जिस प्रकार एक दो बार नशा करने वाला व्यक्ति जब नशे का आदि बन जाता है उसी प्रकार समलैंगिक सम्बन्ध रखने वाले लोगों को भी इसकी आदत पड़ जाती है।
इसलिए मेरी जनता से यह अपील है की समलैंगिकता को बढ़ावा न दें। अन्यथा इस श्रृष्टि का जल्द ही नाश हो जाएगा। इश्वर ने हमें श्रृष्टि को चलाने के लिए बनाया है ना की सिर्फ़ अपने आनंद के लिए।
मैं सरकार से यह अपील करता हूँ की जब सरकार समलैंगिकता को अपराध नही मानती है तो उसे भ्रू हत्या को भी अपराध नही मानना चाहिए। क्योंकि मेरे विचार से जब समलैंगिक लोग सम्बन्ध बना कर प्रकृति के नियम का उलंघन करते है, अपने श्रृष्टि को चलाने के अधिकार को सिर्फ़ आनंद के लिए बरबाद कर देते हैं तो यह भी एक प्रकार की भ्रू हत्या ही है।

2 comments:

  1. aisi bakwaas baato pe log dhyaan dete hai kya ab tak...

    kin logo ke liye lekh likha hai aapne...anpadh log padhenge nahi,padhe likho ne newspapers me padha hoga ki kisi doctor ne ye nahi kaha ki gay hona kisi prakaar ka medical defect ya abnormality hai...aise log bhi utne hi normal hai jitne hum aur aap hai...saari duniya ye baat jaanti hai,samajhti hai fir bhi bas bolne ke liye kuch bhi bol denaa hai...

    जब सरकार समलैंगिकता को अपराध नही मानती है तो उसे भ्रू हत्या को भी अपराध नही मानना चाहिए। kisi tarah ka koi behuda mazaak hai kya ye??

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  2. mujhe ummeed hai ki mera wo comment publish hoga...

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