सिबल द्वारा घोषित इस प्रस्ताव की मैं हार्दिक प्रशंशा करता हूँ। (http://timesofindia.indiatimes.com/articleshow/4930802.cms)
भारत के सभी विद्यालयों में हिन्दी भाषा को अनिवार्य करने के इस प्रस्ताव को जल्दी से जल्दी लागु करना चाहिए। जिस प्रकार हम लोगों ने अंग्रेजी भाषा को सीख़ कर विश्व की सभी तकनीकियों और रिसर्च को जाना। उसी प्रकार अब भारत को सभी नई खोज हिन्दी में करनी चाहिए ताकि पूरे विश्व में हिन्दी भाषा को जानना लोगों के लिए अनिवार्य हो जाए। इस प्रकार हिन्दी भाषा जो सभी भाषाओँ की जननी है लुप्त होने से बच जायेगी। और ३०० साल पुरानी यह वैदिक संस्कृति पुनः विश्व भर में प्रचलित हो जायेगी।
ऐसा करने से भारत की स्थिति पूरे विश्व में स्वतंत्र और आत्मनिर्भर हो जायेगी
मैं सिबल जी को यह भी कहना चाहूँगा की इस निर्णय के खिलाफ बहुत सारे लोग अपने विचार व्यक्त करेंगे। उनमें से कुछ क्षेत्रीय भाषा को ले कर तो कुछ अन्य सम्प्रदाओं को ले कर बहस करेंगे। परन्तु यदि हम भारत को एक जुट रखना चाहते है तो हिन्दी को अनिवार्य करना अति आवश्यक है।
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Tuesday, August 25, 2009
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