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Tuesday, January 15, 2013

वंदे मातरम् कहनेवाले को साम्प्रदायिक कहना अपमान

-- विश्व हिन्दू परिषद का दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग प्रारंभ
मोतिहारी, जागरण प्रतिनिधि : जगतगरु वामाचार्य व रक्सौल के प्रसिद्ध काली मंदिर के सेवक संजयनाथ ने हिन्दुओं का आह्वान किया है कि जिस प्रकार इस समाज पर चारों ओर से हमले किए जा रहे हैं वैसे ही अपने हितों की रक्षा के लिए उसे भी जैसे को तैसे की तर्ज पर जवाब देने को कोशिश करनी होगी। वे शनिवार को गौरीशंकर मध्य विद्यालय में विश्व हिन्दू परिषद के दो दिवसीय चम्पारण विभाग के प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर हिन्दू समाज के लिए संक्रमण काल है इसलिए ऐसे में संगठित होना परम आवश्यक है। सेवक संजयनाथ ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद पूरे विश्व का सबसे बड़ा हिन्दू संगठन है। वहीं मुख्य वक्ता विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री रासबिहारी ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल हमेशा भारतीय सभ्यता-संस्कृति और हिन्दू हितों के लिए लड़ने को तैयार है। उन्होंने तथाकथित धर्मनिरपेक्षता की चादर ओढे़ राजनेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भारत में वंदे मातरम् व भारत माता की जय कहनेवाले को साम्प्रदायिक कहा जाता है, जो एक तरह से महापुरुषों का अपमान है। देश की आजादी की लड़ाई में कई वीर सपूत भारत माता की जय व वंदे मातरम् का जयघोष कर फांसी के फंदे को चूम लिया और आज आजाद भारत में भी इस प्राणवाक्य को साम्प्रदायिक बताया जा रहा। विहिप इसी बात का घोर विरोधी है। वहीं सरकारी अधिवक्ता नर्मदेश्वर प्रसाद ललित व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के डा. राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि आजकल हिन्दुओं पर हर प्रकार से हमले हो रहे हैं, जो देश के हित में नहीं है। समारोह का संचालन विहिप के प्रदेश सहमंत्री अधिवक्ता अशोक कुमार ने किया। वहीं कार्यक्रम में नगर परिषद की पूर्व उपसभापति राजकुमारी गुप्ता, एमएस कॉलेज में इतिहास के विभागाध्यक्ष डा. अजय शंकर वर्मा, सत्यम कुमार, हरिश्चंद्र उपाध्याय आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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